[UP B.Ed entrance exam]बीएड परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर, हो रहे है विरोध

0
up b.ed entrance exam 2020 updates

परीक्षा का आयोजन दुर्भाग्यपूर्ण है और महामारी के दौरान छात्रों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है

कोविड -19 मामलों में बढ़ोतरी, परिवहन अनुपलब्धता और परीक्षा केंद्र की यात्रा के दौरान संक्रमण का अनुबंध करने के डर ने यूपी बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2020 को स्थगित करने की मांग को लेकर छात्रों और उनके अभिभावकों ऑनलाइन और लिखित में विरोध प्रदर्शन लगातार कर रहे है।

सरकार के परीक्षा आयोजित करने के फैसले का विरोध करने वाले ट्वीट्स से सोशल मीडिया भर गया है, जिसमें 4 लाख से अधिक उम्मीदवार दिखाई देंगे।
विश्वविद्यालय राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहा है।

प्रवेश परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र आधिकारिक वेबसाइट पर लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा अपलोड किया गया है, जिसके बाद छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय के यूनियन हॉल में विरोध प्रदर्शन किया।

इस महामारी में 4 लाख से अधिक छात्र,छात्राएं परीक्षा में शामिल होने वाले हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता उच्च न्ययालय लखनऊ विमलेश निगम, उन्होंने यूपी जेईई बीएड प्रवेश परीक्षा राज्य समन्वयक प्रो0 अमिता बाजपेयी को एक पत्र भी लिखा।अपने पत्र में उन्होंने उल्लेख किया कि कोरोना दिन पर दिन तेजी से बढ़ हर दिन एक अभिलेख बना रहा है ।
इस परीक्षा में कुल 4 लाख से अधिक छात्र शामिल होने वाले हैं। हालांकि लखनऊ विश्वविद्यालय ने लगभग 73 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए थे और लगभग 300-400 छात्रों को एक परीक्षा केंद्र में आवंटित किया गया है ।

amazon fashion freedom sale voixindia

थर्मल स्क्रीनिंग और सोशल डिस्टेंसिंग, विश्वविद्यालय और सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है।

इस परिदृश्य में थर्मल स्क्रीनिंग और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कोविड के सुरक्षा मानक, विश्वविद्यालय और सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है।
इसके अलावा हम सभी जानते हैं कि हर सप्ताहांत पर एक छोटा तालाबंदी होती है जो राज्य सरकार द्वारा तय की जाती है जिसकी वजह से छात्रों को परिवहन और अन्य सुविधाओं में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

अधिवक्ता विमलेश निगम ने अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे प्रत्येक बिंदु पर फिर से विचार करे और फिर छात्रों के हित के लिए एक भरोसेमंद और सही फ़ैसला लें। हम सभी जानते हैं कि परीक्षा किसी भी छात्र जीवन से बड़ी नहीं होती है।

कई राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश परीक्षाओं के संचालन को स्थगित कर दिया गया है ।

देश भर में, राष्ट्रीय स्तर की कई प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में वृद्धि पर कोविड -19 मामलों के बावजूद आयोजित होने वाली हैं।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए सितंबर 2020 के अंत तक अंतिम सेमेस्टर परीक्षा आयोजित करने के लिए दिशानिर्देशों का एक संशोधित सेट भी जारी किया है।
बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है यह देखकर कि कोरोना जैसे भीषण महामारी के बीच में परीक्षाओं की योजना बनाई जा रही है, या देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि छात्राओं की जान से बढ़ कर उनके परिवार की जान से बढ़ कर उनके लिए परीक्षाएं हो गई हैं। ऐसे में छात्राओं से परीक्षा करवा कर छात्राओं की जान तो जोखिम में डाल ही रहे साथ ही साथ उनके परिवार वालों की भी जान को जोखिम में डाल रहे हैं।

इस महामारी में परीक्षा का आयोजन दुर्भाग्यपूर्ण है।

मेरी राय में, जैसा कि हम सभी देख रहे हैं कि कोरोना लगातार बढ़ रहा है और लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए अनिच्छुक हैं। जहां 9 अगस्त 2020 को आयोजित होने वाली परीक्षाओं की घोषणा करने वाली सरकार को लेकर छात्रों में भारी गुस्सा है।
राज्य सरकार का परीक्षा आयोजित करने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है और महामारी के दौरान छात्रों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

 

 

Tags: up b.ed entrance exam, social media, Vimlesh Nigam, protest over social media, protest against b.ed entrance exam

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *