देश में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से रविवार रात को दीया जलाने की अपील की है शुक्रवार सुबह एक वीडियो संदेश जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के अंधकार को मिटाने के लिए प्रकाश की जरूरत हैं इसके लिए लोग अपने घर से बाहर आएं और दीया अलावा मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश भी जला सकते हैं पीएम मोदी ने ऐलान किया कि इस रविवार यानी पांच अप्रैल को रात नौ बजे |
डा. अश्विन चौबे का कहना है कि प्रधानमंत्री पांच अप्रैल को दीया नहीं जलवा रहे हैं, बल्कि देश की जनता को दवा दे रहे हैं। डा. चौबे का कहना है कि दिल्ली में तमाम लोग फोन करके सांस फूलने, घबराहट होने की शिकायत बताकर दवा पूछ रहे हैं। लोगों को भ्रम है कि कहीं वह कोविड-19 के संक्रमित तो नहीं हैं। डा. अश्विन का कहना है कि लॉकडाउन, दुनिया में संक्रमण से हो रही मौतों, अमेरिका जैसे देश की खस्ता हालत और टीवी पर कोविड-19 जुड़ी खबरों के कारण अधिकांश लोग मानसिक दबाव में हैं।
वीडियो संदेश जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को मिटाने के लिए प्रकाश की जरूरत है. देशवासियों को एकजुट रहना होगा और साथ ही साथ देशभर के सभी लोग एकजुट होकर इस लड़ाई में साथ खड़े होने की भी अपील की इसीलिए इस लड़ाई को लड़ने के लिए रविवार को 5 अप्रैल को रात 9:00 9 मिनट तक अपने-अपने घरों की सभी लाइटें बंद करके अपने घर के दरवाजे या बालकनी पर दीया मोमबत्ती या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने अपील की इससे कोरोनावायरस महामारी का अंधकार भी दूर होगा इसीलिए जरूरत है हमें एकजुट होकर इस महामारी के अंधकार को दूर करके जीत का प्रकाश जलाने का |
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस को हराने के लिए लॉक डाउन ही एकमात्र रामबाण इलाज है तो हमें इसे पूर्ण रूप से इसका साथ देना चाहिए। बिना जरूरत के हमें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए |
1. कोरोनावायरस को हराने के लिए देश की सामूहिक भावना का जागना, जो हमारे देश को इस समस्या से लड़ने में मदद करेगा।
2. लोग सोच रहे होंगे कि वे अकेले क्या कर सकते हैं। लेकिन कुछ समय के लिए प्रतिबिंब ( रिफ्लेक्शन ) बनाना आवश्यक होता है एक दूसरे को समझने के लिए और अपने आप को भी ।
3. इस तरह का सामूहिक प्रतिबिंब हमें संकट से लड़ने का आत्मविश्वास, ऊर्जा और संकल्प देगा जो हमारे देश के लिए एक यादगार लम्हा के समान होगा।
4. इस संकट की चपेट में सबसे ज्यादा गरीब हैं। हमें उन्हें आश्वस्त करना चाहिए कि वे अकेले नहीं हैं और पूरा भारत वर्ष और प्रधानमंत्री उनके साथ है।
5. सभी भारतीयों को संयुक्त शक्ति का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा और कोरोना संकट से लड़ने के लिए एकजुट हो जाइयेगे ।
6. यह हमारे राष्ट्रों की शक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा।
7. और यहाँ प्रतिक्रिया दिखाएगी कि कोई भी अकेला नहीं बचा है, इस कोरोनावायरस जैसी समस्या से लड़ने के लिए हम सब साथ हो गए है
1. टेड मयट, पर्यावरणीय स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग इंक के वरिष्ठ वैज्ञानिक, ब्रांडीस विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान के प्रोफेसर और अनुसंधान क्षमता के निदेशक। रोड आइलैंड विश्वविद्यालय कहते है की पैराफिन मोम पेट्रोलियम से बना होता है पैराफिन वैक्स का लंबे समय तक संपर्क आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है और खराब इनडोर वायु गुणवत्ता का कारण हो सकता है।
2. मयट कहते है की यदि आप किसी भी प्रकार की मोमबत्ती जला रहे हैं, तो आप ध्यान दें कि यदि यह कालिख धुआँ दे रही है, तो आपको तुरंत इसको बूझा देना चाहिए।
3. जिन लोगों को अस्थमा या श्वसन संबंधी एलर्जी है, उन्हें किसी भी तरह की मोमबत्तियाँ नहीं जलानी चाहिए;
4. कुछ लोग लोग दीप प्रज्वलित करते समय आस पास आ जाएगे और दीप प्रज्वलित करते समय सेल्फी लेने लगेंगे और सामाजिक दूरी भूल जाएगे। और इस से संक्रमण फ़ैलाने का डर भी है
5. केंद्र सरकार के पावर मिनिस्टर आरके सिंह और उनकी मिनिस्ट्री अलर्ट मोड में आ गई है। वजह तकनीकी है और वो ये कि पावर लोड अचानक घटने से ब्लैक आउट हो सकता है यानी बिजली ग्रिड (Powergrid) की भी बत्ती गुल हो सकती है।
1. फेसबुक पर एक पोस्ट, जो अब वायरल है, “नासा द्वारा माना जा रहा है कि कोरोनोवायरस गर्म तापमान में जीवित नहीं रहता है। यदि एक साथ 130 मोमबत्तियां जलाई जाती हैं, तो आईआईटी प्रोफेसर के अनुसार तापमान 9 डिग्री बढ़ जाएगा। इसलिए, कोरोवायरस रविवार को रात 9.09 बजे मर जायेगा और यह मोदी द्वारा मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है ”
2. 05.04 का मतलब कुल मिलाकर 9 है (5 + 4 = 9)
9 बजे का मतलब 9 है
9.09 बजे जो अंतिम समय है वह कुल 9 (9 + 9 = 18 और 1 + 8 = 9) है
कुल 36 है जिसका मतलब है 9 फिर से (3 + 6 = 9)
9 एक मैजिक नंबर है। आश्चर्य है कि यह किसी तरह से महत्वपूर्ण है।
3. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ लोगों ने दावा किया कि चंद्रमा “रेवती नक्षत्र” में प्रवेश कर रहा है और रोशनी बंद करने से चांदनी को एक घर में प्रवेश करने और वायरस को मारने में मदद मिलेगी।
इंडिया टुडे ने ज्योतिषी शैलेंद्र पांडे से संपर्क किया जिन्होंने स्पष्ट किया कि यह 5 अप्रैल को “पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र” है, न कि रेवती नक्षत्र। तो यह दावा भी संगीन है।
1. मयट, पर्यावरणीय स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग इंक के वरिष्ठ वैज्ञानिक सलाह देते है कि घर को वातावरण शुद्ध रखने के लिए आप खिड़की और दरवाज़े को खोल सकते है, और हवा से कण पदार्थ को हटाने के लिए पोर्टेबल एयर प्यूरीफायर जैसे उपकरण का उपयोग करने की सिफारिश की।
2. अगर हो सके तो अपने हाथो की बनायीं मोमबत्ती का प्रयोग करे जो आपको नुकसान नहीं करेगी और वातावरण सुघंधित बनाएगी।
3. अधिक मात्रा में मोमबत्तियों का उपयोग करने के बजाय मोबाइल फोन प्रकाश का उपयोग करें।
4. दीप प्रज्वलित करते समय सामाजिक भेद को बनाए रखे और समूहों को नहीं बनने दे अपने आस-पास ।
5. लोग अपने घरो के अंदर रह कर ही इस कार्य को करे और दुसरो को भी यही सलाह दे।
6. और बिजली सप्लाई व्यवस्था को सही बनाये रखने के लिए कम से कम घर में कोई एक बिजली का उपकरण चलाये रखे।
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